Scientists Develop Self-Degrading Plastic to Combat Pollution||Scientific_News||

Scientists Develop Self-Degrading Plastic to Combat Pollution||Scientific_News||

वैज्ञानिकों ने प्रदूषण से निपटने के लिए
स्व-विघटित प्लास्टिक विकसित किया...

प्लास्टिक कचरे के खिलाफ लड़ाई में एक सफलता

एक महत्वपूर्ण सफलता में, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए एक नया समाधान खोजा है: स्वयं नष्ट होने वाला प्लास्टिक। इस नवोन्मेषी सामग्री को एक विशेष घटक-बैक्टीरिया की बदौलत समय के साथ प्राकृतिक रूप से टूटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इसके पीछे का विज्ञान

बैक्टीरिया-संक्रमित प्लास्टिक:

 शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक खाने वाले बैक्टीरिया को पॉलीयूरेथेन प्लास्टिक में एम्बेड किया। प्लास्टिक के उपयोगी जीवन के दौरान ये बैक्टीरिया निष्क्रिय रहते हैं। हालाँकि, जब प्लास्टिक अपशिष्ट वातावरण में पहुँच जाता है और विशिष्ट तत्वों का सामना करता है, तो बैक्टीरिया "जागते हैं" और प्लास्टिक का उपभोग करना शुरू कर देते हैं, जिससे इसका क्षरण होता है।

प्लास्टिक को मजबूत बनाना:

 उल्लेखनीय रूप से, बैक्टीरिया से युक्त यह प्लास्टिक न केवल अधिक आसानी से नष्ट हो जाता है, बल्कि अपने उपयोगी जीवन के दौरान प्लास्टिक को मजबूत भी बनाता है। यह पर्यावरणीय स्थिरता और उत्पाद स्थायित्व दोनों के लिए एक जीत की स्थिति है।



प्लास्टिक प्रदूषण की तात्कालिकता

वैश्विक संकट:

 प्लास्टिक प्रदूषण एक बड़ा वैश्विक मुद्दा है, जिसमें सालाना लगभग 350 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। यह कचरा सिर्फ जमीन और पानी में ही जमा नहीं होता; यह जिस हवा में हम सांस लेते हैं और जो भोजन हम खाते हैं, उसमें घुसपैठ कर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

- **माइक्रोप्लास्टिक्स:

 प्लास्टिक प्रदूषण के सबसे खतरनाक पहलुओं में से एक माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति है - पांच मिलीमीटर से कम आकार के छोटे प्लास्टिक कण। ये माइक्रोप्लास्टिक इतने छोटे होते हैं कि ये पीने के पानी के जरिए मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने अजन्मे शिशुओं के नाल में भी माइक्रोप्लास्टिक पाया, जिससे भ्रूण के विकास और समग्र स्वास्थ्य के बारे में चिंताएँ बढ़ गईं।

स्व-विघटित प्लास्टिक का वादा

गेम-चेंजर: 

स्वयं नष्ट होने वाले प्लास्टिक का विकास प्लास्टिक कचरे से जुड़े पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करने में गेम-चेंजर हो सकता है। पारंपरिक प्लास्टिक के विपरीत, जिसे विघटित होने में सैकड़ों साल लगते हैं, यह नई सामग्री हानिरहित पदार्थों में टूट जाती है, जिससे माइक्रोप्लास्टिक के निर्माण को रोका जा सकता है।

स्थायी समाधान: 

एक बार जब प्लास्टिक में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं, तो वे प्लास्टिक को तोड़ना शुरू कर देते हैं। यह प्रक्रिया न केवल प्लास्टिक कचरे को कम करती है बल्कि एक अधिक टिकाऊ विकल्प भी प्रदान करती है। एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां प्लास्टिक उत्पाद हानिकारक विरासत छोड़े बिना स्वाभाविक रूप से नष्ट हो जाते हैं।

आगे क्या होगा?

परीक्षण और अनुकूलन: 

शोधकर्ता अब विभिन्न वातावरणों में इस नए प्लास्टिक के स्थायित्व और प्रभावशीलता का परीक्षण कर रहे हैं। सफल होने पर, इसका उपयोग पैकेजिंग, उपभोक्ता वस्तुओं और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे प्लास्टिक उत्पादों के पर्यावरणीय प्रभाव में उल्लेखनीय कमी आएगी।

लक्षित सक्रियण:

 टीम प्लास्टिक में प्रयुक्त बैक्टीरिया को अनुकूलित करने के तरीके भी तलाश रही है। उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि समय से पहले होने वाले क्षरण से बचने के लिए सक्रियण केवल विशिष्ट परिस्थितियों, जैसे लैंडफिल या समुद्री वातावरण में ही हो। उत्पाद की अखंडता बनाए रखने के लिए यह संतुलन महत्वपूर्ण है।

आशा की एक किरण

संक्षेप में, अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा स्वयं नष्ट होने वाले प्लास्टिक का निर्माण प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक आशाजनक विकास का प्रतिनिधित्व करता है। आगे के शोध और विकास के साथ, इस नवीन सामग्री में हमारे पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है, जो अधिक टिकाऊ सामग्रियों की खोज में आशा प्रदान करती है।

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