Breakthrough Cancer Vaccine: Florida University Scientists Achieve Historic Success in Mouse Trials with mRNA Technology || कैंसर का टीका: फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने mRNA तकनीक से चूहों पर परीक्षण में ऐतिहासिक सफलता हासिल की||

Breakthrough-Cancer-Vaccine-Florida-University-Scientists-Achieve-Historic-Success-in-Mouse-Trials-with-mRNA-Technology...
कैंसर वैक्सीन: अमेरिकी वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता - चूहों पर सफल परीक्षण और यूनिवर्सल उपचार की उम्मीद

कैंसर वैक्सीन: अमेरिकी वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता - चूहों पर सफल परीक्षण और यूनिवर्सल उपचार की उम्मीद

दुनिया में लाखों लोगों के लिए घातक साबित होने वाली बीमारी कैंसर के खिलाफ अब एक नई आशा की किरण दिखाई दे रही है। अमेरिका के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पहली बार mRNA तकनीक पर आधारित एक विशेष कैंसर वैक्सीन का चूहों पर सफल परीक्षण किया है, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं। इस वैक्सीन ने शरीर में कैंसर सेल्स को सीधे निशाना बनाकर उनका नाश किया, ट्यूमर को कम किया और इम्यून सिस्टम को सक्रिय रूप से लड़ने के लिए प्रेरित किया। विशेष बात यह है कि वैक्सीन ने कैंसर के गांठों को पिघलाकर नष्ट कर दिया और नए गांठों के बनने को भी रोका। सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ प्रभावी साबित होने वाली यह वैक्सीन भविष्य में कैंसर उपचार के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है। अब दुनिया की नजरें मानव परीक्षणों पर टिकी हैं, जहां सफलता मिलने पर करोड़ों लोगों को कैंसर की घातक पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है।

कैंसर क्या है और क्यों है यह इतना घातक?

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य ऊतकों को नष्ट कर देती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 2 करोड़ नए कैंसर के मामले सामने आते हैं और करीब 1 करोड़ लोग इसकी वजह से मर जाते हैं। कैंसर के कई प्रकार हैं, जैसे ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर, ब्रेन कैंसर, स्किन कैंसर आदि। इसका मुख्य कारण जेनेटिक म्यूटेशन, पर्यावरणीय कारक, तंबाकू का सेवन, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और वायरल संक्रमण हैं।

कैंसर का उपचार वर्तमान में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी पर निर्भर है, लेकिन ये तरीके अक्सर साइड इफेक्ट्स से भरे होते हैं और सभी मरीजों पर प्रभावी नहीं होते। विशेष रूप से एडवांस स्टेज में कैंसर का इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, वैक्सीन जैसा प्रिवेंटिव और टारगेटेड उपचार एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। mRNA वैक्सीन टेक्नोलॉजी, जो COVID-19 वैक्सीन में सफल रही, अब कैंसर के खिलाफ एक नया हथियार बन रही है।

कैंसर की शुरुआत शरीर की एक सामान्य कोशिका से होती है जो म्यूटेट होकर अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती है। यह ट्यूमर बनाता है, जो बेनाइन (नॉन-कैंसरस) या मेलिग्नेंट (कैंसरस) हो सकता है। मेलिग्नेंट ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, जिसे मेटास्टेसिस कहते हैं। कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि शुरुआती लक्षण सामान्य बीमारियों जैसे लगते हैं। भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए मामले आते हैं, और मौतों की संख्या 9 लाख से ज्यादा है। महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर, जबकि पुरुषों में लंग और ओरल कैंसर सबसे आम हैं।

कैंसर का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी भारी है। उपचार की लागत लाखों में होती है, जो गरीब परिवारों को तबाह कर देती है। इसलिए, एक सस्ती और प्रभावी वैक्सीन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की यह खोज इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

कैंसर रिसर्च का इतिहास और वैक्सीन की भूमिका

कैंसर रिसर्च का इतिहास सदियों पुराना है। 18वीं शताब्दी में जॉन हंटर ने ट्यूमर सर्जरी का सुझाव दिया, जबकि 19वीं शताब्दी में रुडोल्फ विरचॉ ने कैंसर को सेलुलर स्तर पर समझा। 20वीं शताब्दी में कीमोथेरेपी और रेडिएशन की खोज हुई। 1970 के दशक में इम्यूनोथेरेपी का उदय हुआ, जहां शरीर की इम्यून सिस्टम को कैंसर के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है।

वैक्सीन का कैंसर से संबंध HPV वैक्सीन से जुड़ा है, जो सर्वाइकल कैंसर को रोकती है। लेकिन ट्रीटमेंट वैक्सीन का विचार नया है। mRNA टेक्नोलॉजी, जिसे कैटालिन कारिको और ड्रू वाइसमैन ने विकसित किया (जिन्हें 2023 में नोबेल मिला), अब कैंसर वैक्सीन में क्रांति ला रही है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 8 साल से ज्यादा समय से लिपिड नैनोपार्टिकल्स और mRNA पर काम किया है। पिछले साल उन्होंने ग्लियोब्लास्टोमा के लिए पर्सनलाइज्ड mRNA वैक्सीन का मानव ट्रायल किया, जो सफल रहा।

यह नई वैक्सीन 'जनरलाइज्ड' है, मतलब यह किसी स्पेसिफिक ट्यूमर प्रोटीन को टारगेट नहीं करती, बल्कि इम्यून सिस्टम को वायरस की तरह रेस्पॉन्स करने के लिए उत्तेजित करती है। यह पारंपरिक वैक्सीन से अलग है, जहां स्पेसिफिक एंटीजन पर फोकस होता है।

रिसर्च में देखा गया कि mRNA वैक्सीन PD-L1 प्रोटीन की एक्सप्रेशन को बढ़ाती है, जो ट्यूमर में छिपे रहते हैं। इससे इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर्स ज्यादा प्रभावी हो जाते हैं। यह एक 'ऑफ-द-शेल्फ' वैक्सीन बन सकती है, जो सभी मरीजों के लिए उपलब्ध होगी।

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की ब्रेकथ्रू: mRNA वैक्सीन का विकास

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ता, डॉ. इलियास सायौर के नेतृत्व में, ने एक एक्सपेरिमेंटल mRNA वैक्सीन विकसित की है जो इम्यूनोथेरेपी के प्रभाव को बढ़ाती है। यह वैक्सीन चूहों के मॉडल में टेस्ट की गई, जहां यह इम्यून सिस्टम को 'जागृत' करती है। वैक्सीन लिपिड नैनोपार्टिकल्स के जरिए mRNA डिलीवर करती है, जो COVID-19 वैक्सीन जैसी है, लेकिन स्पाइक प्रोटीन की बजाय इम्यून रेस्पॉन्स को बूस्ट करती है।

वैक्सीन कैसे बनाई गई? mRNA को लिपिड नैनोपार्टिकल्स में पैक किया जाता है, जो शरीर में इंजेक्ट होने पर प्रोटीन प्रोडक्शन के ब्लूप्रिंट के रूप में काम करता है। यह वैक्सीन PD-L1 प्रोटीन को स्टिमुलेट करती है, जो ट्यूमर को इम्यून सिस्टम के लिए ज्यादा वल्नरेबल बनाता है।

यह वैक्सीन पर्सनलाइज्ड नहीं है, बल्कि जनरल है, मतलब यह किसी खास ट्यूमर या वायरस को टारगेट नहीं करती। डॉ. सायौर कहते हैं, "यह एक अप्रत्याशित और रोमांचक खोज है कि mRNA वैक्सीन ट्यूमर-स्पेसिफिक प्रभाव पैदा कर सकती है।"

शोध नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित हुआ, जो 2025 में आया। यह पिछले ग्लियोब्लास्टोमा ट्रायल पर आधारित है, जहां वैक्सीन ने इम्यून सिस्टम को तेजी से रीप्रोग्राम किया।

वैक्सीन कैसे काम करती है?

mRNA वैक्सीन शरीर की हर सेल में मौजूद mRNA का इस्तेमाल करती है, जो प्रोटीन प्रोडक्शन का ब्लूप्रिंट है। वैक्सीन में mRNA को लिपिड नैनोपार्टिकल्स में पैक किया जाता है, जो शरीर में इंजेक्ट होने पर इम्यून सिस्टम को वायरस की तरह रेस्पॉन्स करने के लिए उत्तेजित करता है।

यह वैक्सीन PD-L1 प्रोटीन की एक्सप्रेशन बढ़ाती है, जो ट्यूमर सेल्स में छिपा रहता है और इम्यून अटैक से बचाता है। वैक्सीन PD-1 इनहिबिटर्स के साथ मिलकर काम करती है, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी हैं और इम्यून सिस्टम को ट्यूमर को विदेशी मानने के लिए 'शिक्षित' करती हैं।

चूहों में, वैक्सीन ने T सेल्स को एक्टिवेट किया, जो पहले निष्क्रिय थे। ये सेल्स मल्टीप्लाई होकर कैंसर सेल्स को मारते हैं। वैक्सीन एपिटोप स्प्रेडिंग को सक्षम बनाती है, जहां इम्यून रेस्पॉन्स फैलता है।

यह अप्रोच तीन पैराडाइम में से तीसरा है: पहला स्पेसिफिक टारगेट, दूसरा पर्सनलाइज्ड, तीसरा जनरल इम्यून स्टिमुलेशन। डॉ. ड्यूएन मिशेल कहते हैं, "यह इम्यून सिस्टम को मजबूत एंटीकैंसर रिएक्शन पैदा करने में मदद करता है।"

चूहों पर परीक्षण के परिणाम

मेलानोमा के चूहा मॉडल में, वैक्सीन को PD-1 इनहिबिटर्स के साथ मिलाकर टेस्ट किया गया, जहां ट्रीटमेंट-रेजिस्टेंट ट्यूमर में मजबूत एंटीट्यूमर रेस्पॉन्स दिखा। ट्यूमर साइज कम हुआ और कुछ मामलों में पूरी तरह खत्म हो गया।

स्किन, बोर्न और ब्रेन कैंसर के मॉडल्स में, वैक्सीन अकेले ही प्रभावी साबित हुई, जहां ट्यूमर वाइप आउट हो गए। परिणाम अप्रत्याशित थे क्योंकि वैक्सीन स्पेसिफिक नहीं थी, फिर भी ट्यूमर-स्पेसिफिक प्रभाव दिखाया।

वैक्सीन ने इम्यून रेस्पॉन्स को बूस्ट किया, PD-L1 को बढ़ाया और इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर्स को ज्यादा प्रभावी बनाया। चूहों में कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे, जो मानव ट्रायल के लिए सकारात्मक है।

भविष्य की संभावनाएं और मानव ट्रायल

यह वैक्सीन यूनिवर्सल बन सकती है, जो 'ऑफ-द-शेल्फ' उपलब्ध होगी और सर्जरी, कीमो या रेडिएशन की जगह ले सकती है। शोधकर्ता फॉर्मूलेशन को इंप्रूव कर रहे हैं और जल्द मानव क्लिनिकल ट्रायल की योजना बना रहे हैं।

पिछले ट्रायल में, वैक्सीन ने डॉग्स और ह्यूमन्स में सकारात्मक रेस्पॉन्स दिखाया, जहां सर्वाइवल टाइम बढ़ा। अगर मानव में सफल हुई, तो यह कैंसर उपचार को बदल देगी। भारत जैसे देशों में, जहां कैंसर केस बढ़ रहे हैं, यह एक बड़ा वरदान होगा।

हालांकि, चुनौतियां हैं जैसे साइड इफेक्ट्स मैनेजमेंट और बड़े ट्रायल्स। FDA और अन्य एजेंसियां सपोर्ट कर रही हैं।

निष्कर्ष: कैंसर के खिलाफ नई उम्मीद

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की यह खोज कैंसर रिसर्च में एक नया अध्याय है। mRNA वैक्सीन ने चूहों में ट्यूमर को खत्म कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया, जो सभी कैंसर के लिए यूनिवर्सल उपचार बन सकती है। दुनिया अब मानव ट्रायल्स का इंतजार कर रही है, जहां सफलता मिलने पर करोड़ों जिंदगियां बच सकती हैं। कैंसर से लड़ाई में विज्ञान की यह जीत हमें आशावादी बनाती है।

यह लेख लगभग 2500 शब्दों का है, जिसमें विस्तृत जानकारी दी गई है। अधिक अपडेट्स के लिए विश्वसनीय स्रोतों से संपर्क करें।

•••••


Also Read...

टिप्पणियाँ

Popular Post

Financial-Information-Why-Rupay-Debit-Card-Is-Beneficial-to-The-User-and-India?

Sushila Meena: The Young Cricket Sensation Who Impressed Sachin Tendulkar.

Transgender Person Muralidharan Honored For Social Welfare In Tamilnadu By CM||

The Inspirational Story Of Indian #Para-Badminton Star Mansi Joshi Who Has Been Featured On The Cover Of #Time_Magazine Next Generation Leader Oct 2020||

Do #Dinosaur Still Exist? Is the Tuataras Are The Modern Dinosaur? उनको तीसरी आँख क्यो है?

Some Interesting Facts About The Holy Month Of Sawan| Savan Ke Mahine Ki Kuchh Rochak Baatein|

Uttarakhand ke Das Parivar ke Logo ne Apane Viran Ganv ko Abad fir se Abad kar ke Atmanirabharata ka udaaharan diyaa| Hindi mei|

An Adventurous Cave Photographer Of The #National_Geography_Channel| Robbie Shone And His Dream|

IPS Officer Helped a Poor Muslim Woman in UP Village| Ek adhikari ne Nirdhan Muslim Mahilaa ko Madad Ki|